यदा यदा हि धर्मस्या, ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानम् अधर्मस्या, तदात्मानं सृजाम्यहम् ।। कर्मणयेवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि ।। ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥
हिन्दु धर्म की कई परिभाषाएँ हो सकती है लेकिन सार है - मानवता, सहनशीलता और सम्मान। हिन्दू धर्म में भगवन को विभिन्न नामों से जाना और पूजा जाता है। जेकि रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तीन देखि तैसि।
ऐश्वर्यलक्ष्मी माँ
|
वीरलक्ष्मी माँ
|
धान्यलक्ष्मी माँ
|
संतानलक्ष्मी माँ
|
व्रत कथा संग्रह (Vrat Katha)
|
Watch Live : ** Live दर्शन
** Have a look - इन्हें पढ़ें - **
हिन्दू तथ्य
प्रथा कुप्रथा
Beware:IdentityTheft
हिन्दू तथ्य
प्रथा कुप्रथा
Beware:IdentityTheft
धनलक्ष्मी माँ
|
गजलक्ष्मी माँ
|
अधिलक्ष्मी माँ
|
विजयालक्ष्मी माँ
|