आ जाओ राम, लखन, सिया, हनुमान
तेरे मंदिर में करते हम, तेरा गुणगान
दर्शन दिखाओ एक बार, -२
तुम ही लाज रखते अपने भक्तो की
पार लगाओ एक बार
दर्शन दिखाओ एक बार
अहिल्या की मुक्ति की पत्थर से,
शबरी का मान रखा बेरों से,
हम भी पड़े है तेरे द्वार
दर्शन दिखाओ एक बार
केवट की नैय्या लगायी पार तुमने
पत्थर तैराए प्रभु समंदर में
हमको भी तारो एक बार
दर्शन दिखाओ एक बार
आ जाओ राम, लखन, सिया, हनुमान
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