छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल
छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल
आगे आगे गैयाँ पीछे पीछे ग्वाल
बीच मैं है मेरो मदन गोपाल......
छोटी छोटी गैयाँ
घास खाए गैयाँ, दूध पीये ग्वाल
माखन मिसरी खाए मेरो मदन गोपाल...
छोटी छोटी गैयाँ
काली काली गैयाँ, गोरे गोरे ग्वाल ,
श्याम वरन मेरो मदन गोपाल....
छोटी छोटी गैयाँ
छोटी छोटी लाखुटी छोटे छोटे हाथ ,
बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल....
छोटी छोटी गैयाँ
छोटी छोटी सखियाँ मधुबन बाल
रास रचावे मेरो मदन गोपाल.....
छोटी छोटी गैयाँ,छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल
(2)
आओ आओ यशोदा के लाल,
आओ आओ यशोदा के लाल,
आज मोहे दरशन से कर दो निहाल,
आओ आओ, आओ आओ यशोदा के लाल ..
नैया हमारी भंवर मे फंसी,
कब से अड़ी उबारो हरि .
कहते हैं दीनों के तुम हो दयाल,
कहते हैं दीनों के तुम हो दयाल,
आओ आओ, आओ आओ यशोदा के लाल ..
अबतो सुनलो पुकार मेरे जीवन आधार,
भवसागर है अति विशाल ..
लाखों को तारा है तुमने गोपाल .( २)
आओ आओ, आओ आओ यशोदा के लाल ..
यमुना के तट पर गौवें चराकर,
छीन लिया मेरा मन मुरली बजाकर .
हृदय हमारे बसो नन्दलाल . ( २)
आओ आओ, आओ आओ यशोदा के लाल ..
(3)
राधे का नाम है अनमोल, रटे जा राधे राधे
गैया भी बोले राधे, बछड़े भी बोले राधे,
दूध की धार से आवाज़ आये राधे राधे
गोकुल में राधे राधे, मथुरा में राधे राधे
वृन्दावन रजकण से आवाज़ आये राधे
गोपी भी बोले राधे, ग्वाले भी बोलें राधे,
कान्हा की बंसी से आवाज़ आये राधे राधे
गंगा भी बोले राधे, सरजू भी बोले राधे,
यमुना की लहरों से आवाज़ आये राधे राधे
भक्त भी बोलें राधे, संत भी बोलें राधे,
सांसों की तार से आवाज़ आये राधे राधे
ढ़ोलक भी बोले राधे, झांझर भी बोले राधे,
हृदय के भीतर से आवाज़ आये राधे राधे
(4)
महियारी का भेष बनाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया..
झोली कंधे धरी उसमें चूड़ी भरी,
झोली कंधे धरी उसमें चूड़ी भरी,
गलियों में शोर मचाया ...
श्याम चूड़ी बेचने आया....
राधा ने सुनी, ललिता से कही
मोहन को तुरत बुलाया..
श्याम चूड़ी बेचने आया..
चूड़ी लाल नही पहनूं, चूड़ी हरी नही पहनूं....
मोहे श्याम रंग ही भाया....
श्याम चूड़ी बेचने आया....
राधा पहेनन लगी श्याम पहनाने लगे
राधा पहेनन लगी श्याम पहनाने लगे
राधा ने हाथ बढाया...
श्याम चूड़ी बेचने आया..
राधा कहने लगी तुम हो छलिया बड़े
राधा कहने लगी तुम हो छलिया बड़े
धीरे से हाथ दबाया ...
श्याम चूड़ी बेचने आया...
छलिया का रूप बनाया ..
श्याम चूड़ी बेचने आया..
(5)
आओ भोग लगाओ मेरे मोहन
दुर्योधन के मेवे त्यागे,
साग विदुर घर खायो मेरे मोहन
भिलिनी के बेर, सुदामा के तांदुल
रुच रुच भोग लगाओ मेरे मोहन
तेरी वस्तु, तेरे आगे
सब अमृत हो जाए मेरे मोहन
जो तेरे प्रसाद को पावे
सोई अमर होई जाए मेरे मोहन
आओ भोग लगाओ मेरे मोहन
तारा है सारा जमाना,
श्याम हमको भी तारो
अपने भक्त ध्रुव को तारा,
हो गया प्रेम दीवाना, श्याम हमको भो तारो
अपनी भक्त मीरा को तारा,
अमृत का करके बहाना, श्याम हमको भी तारो
(6)
अपने भक्त नारद को तारा,
वीणा का करके बहाना, श्याम हमको भी तारो
अपनी भक्त द्रौपदी को तारा,
चीर का करके बहाना, श्याम हमको भी तारो
अपने भक्त सुदामा को तारा,
चावल का करके बहाना, श्याम हमको भी तारो
तारा है सारा जमाना, श्याम हमको भी तारो
(7)
तुम्हे श्याम यमुना पे आना होगा,
हमे प्यारी बंसी सुनना होगा
बंसी की धुन पर नाची थी गोपिया,
तुम्हे आज हमको नचाना होगा,
हमे प्यारी बंसी सुनाना होगा
बंसी की पुकार पर दौड़ी आये राधा रानी,
राधे को साथ लाना होगा,
हमे प्यारी बंसी सुनाना होगा
तुम्हे श्याम यमुना पे आना होगा,
हमे प्यारी बंसी सुनना होगा
(8)
एक दिन वो भोले भंडारी, बन कर सुंदर नारी,
ब्रज में आ गए , वृन्दावन आ गए
पार्वती भी मनाकर हारी,ना माने त्रिपुरारी
ब्रिज में आ गए..
पार्वती से बोले, मै भी चलूँगा तेरे साथ में,
राधा संग श्याम नाचे, हम भी नाचेंगे साथ में
ए मेरे भोले स्वामी, कैसे ले चलू तुम्हे साथ में,
श्याम के सिवा, कोई पुरुष ना रहेगा वहा रास में,
हसी करेगी हमारी, मिलकर सखिया सारी
ऐसा सजा दे मुझको,कोई न पहचाने रास में,
लगा के बिंदिया,पहन के सारी,
ब्रिज में आ गए...
हंस के सती ने कहा, बलिहारी जाऊ तुम्हारे रूप पर,
एक दिन आये थे मुरारी इस रूप में,
नारी रूप बनाया था हरी ने, आज तुम्हारी बारी
ब्रिज में आ गए, वृन्दावन आ गए
देखा जब श्याम ने, समझ गए सारा राज रे,
ऐसी बजायी बंसी,सुध बुध भूले भोलानाथ रे
सर से खिसक गयी जब सारी, मुस्काए बनबारी
ब्रिज में आ गए...
ए मेरे भोले शम्भु , गोपेश्वर हुआ तुम्हारा नाम रे,
वृन्दावन में तुम्हारा धाम रे...
गिरवरधारी, सुनो विनती, रखो लाज हमारी,
ब्रिज में आ गए, वृन्दावन आ गए..
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